TOP 05 LONGEST RIVERS IN INDIA OR भारत में 05 सबसे लंबी नदियाँ

 

     
TOP 05 LONGEST RIVERS IN INDIA

    भारत को नदियों की भूमि के रूप में जाना जाता है क्योंकि देश भर में कई नदियाँ बहती हैं। भारतीय नदियों को हिमालयी नदियों और प्रायद्वीपीय नदियों नाम से दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है। हिमालयी नदियाँ बारहमासी हैं जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ वर्षा-आधारित हैं। भारत में लगभग 90% नदियाँ भारत के पूर्वी भाग की ओर बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। शेष 10% नदियाँ भारत के पश्चिमी भाग की ओर बहती हैं और अरब सागर में गिरती हैं।

 

भारतीय नदियाँ एक दूसरे से अभिन्न हैं। वे देश की जीवन रेखा हैं क्योंकि उनकी वजह से भूमि उपजाऊ और कृषि के लिए उपयुक्त रहती है। शीर्ष दस सबसे लंबी नदियों को अक्सर भारत के लोग देवी के रूप में पूजते हैं।


  भारत की 05 सबसे लंबी नदियाँ :-

1. गंगा नदी 


           2525 किमी की लंबाई वाली गंगा नदी भारत की सबसे लंबी नदी है क्योंकि यह पूरी तरह से मुख्य भूमि से होकर बहती है। यह गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है। गंगा नदी के बाएं किनारे की सहायक नदियाँ रामगंगा, गर्रा, गोमती, घरघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, कोशी और महानंदा हैं और दाहिने किनारे की सहायक नदियाँ यमुना, तमसा, सोन, पुनपुन, किउल, कर्मनासा और चंदन हैं। नदी अपना पानी बंगाल की खाड़ी में छोड़ती है। इस जल निकाय से आच्छादित राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल हैं।


         गंगा का धार्मिक महत्त्व होने के साथ-साथ इसका वैज्ञानिक महत्त्व भी है। वैज्ञानिक नजरिये से भी गंगा जल को पवित्र एवं उपयोगी माना गया है। विज्ञान भी गंगा और औषधियों गुणों के बारे में मान्यता देता है वैज्ञानिक मानते है कि गंगा के पानी में बैक्ट्रिया को खत्म करने वाली बैक्टीरियोफेज वायरस नामक एक वायरस होता है। दरअसल गंगा अपने उद्गम स्थान से लेकर कई स्थानों से गुजरती है। गंगा जगह-जगह पहाङों, जंगलों, प्राकृतिक स्थानों से तरह-तरह की वनस्पतियाँ को लेकर बहती है, जिस कारण से इसमें औषधीय गुण पाये जाते है। इसके अलावा वैज्ञानिक-शोध में यह भी पाया गया है कि गंगा-जल में ऑक्सीजन सोखने की क्षमता भी होती है


⇨  गंगा नदी की कुल लम्बाई 2525 K.M. है ।


⇨ गंगा नदी  का उद्गम स्थल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गोमुख के निकट गंगोत्री हिमानी है। यहां यह नदी भागीरथी के नाम से जानी जाती है।


गंगा नदी
 गंगा नदी


2गोदावरी नदी

        1464 किमी की लंबाई वाली गोदावरी नदी प्रायद्वीपीय भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है। यह महाराष्ट्र के नासिक से निकलती है। यह महाराष्ट्र में त्र्यंबकेश्वर, नासिक से शुरू होती है और छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से होकर गुजरती है, जिसके बाद यह अंत में बंगाल की खाड़ी में मिलती है।

              भारतीय नदियों की तरह, गोदावरी की उत्पत्ति एक शिव मंदिर, त्र्यंबकेश्वर से हुई है, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। त्रयंबकेश्वर के बाद और नासिक से कुछ दूर पहले ही चक्रतीर्थ नामक एक कुंड है, यहीं से गोदावरी एक नदी के रूप में बहती है। इसलिए बहुत से लोग चक्रतीर्थ को ही गोदावरी का प्रत्यक्ष उद्गम स्थान मानते हैं। 

⇨  गोदावरी नदी की सात धाराएँ हैंवसिष्ठा, कौशिकी, वृद्ध गौतमी, भारद्वाजी, आत्रेयी और तुल्या। यह सात भागों में बंटी हुई है, इसलिए इसे ’सप्त गोदावरीकहते हैं।

⇨  गोदावरी नदी महाराष्ट्र में 48.6 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश में 23.4 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ में 10.9 प्रतिशत, कर्नाटक में 5.7 प्रतिशत और कर्नाटक में 1.4 प्रतिशत है।



गोदावरी नदी

3. कृष्णा नदी

         कृष्णा नदी महाराष्ट्र के महाबलेश्वर से निकलती है। ऐसा माना जाता है कि पुराने महाबलेश्वर में कृष्णा बाई मंदिर कृष्णा नदी का जन्म स्थान है। कृष्णा बाई मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है जहां एक गाय के मुंह से एक धारा निकलती है। ऐसा माना जाता है कि यह धारा ही आगे जाकर कृष्णा नदी बन जाती है

        कृष्णा नदी सिंचाई परियोजनाओं और जल विद्युत परियोजनाओं में बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी लोगों के लिए उपयोगी है। कई लोकप्रिय झरने हैं जो कृष्णा नदी और उसकी सहायक नदियों द्वारा बनते हैं। माणिक्याधरा वाटरफॉल , गोकक  वाटरफॉल, एथिपोथला  वाटरफॉल, कलहटी  वाटरफॉल और मलेला थीर्थम  वाटरफॉल कृष्णा नदी के लोकप्रिय वाटरफॉल |

⇨ कृष्णा नदी की लम्बाई लगभग 1400 K.M. है

⇨ कृष्णा नदी महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट से निकलती हैं और आंध्र प्रदेश के हंसलादेवी गांव में बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं।

⇨  इसकी सहायक नदी वेन्ना नदी, कोयना नदी, दूधगंगा नदी, भीमा नदी घटप्रभा नदी, मालाप्रभा नदी, तुंगभद्रा नदी, मुसी नदी और डिंडी नदियां हैं।


 कृष्णा नदी

4. यमुना नदी


         यमुना एक पवित्र नदी है। भारत की सबसे पवित्र और प्राचीन नदियों में यमुना का स्मरण गंगा के साथ ही किया जाता है। यमुना नदी, गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है जो यमुनोत्री नामक जगह से निकलती है और इलाहाबाद में गंगा तथा सरस्वती नदी से मिल जाती है।

        यमुना नदी का उद्गम स्थान पश्चिमी उत्तराखंड में यमुनोत्री के पास महान हिमालय में बंदर पंच मासिफ की ढलानों से होता है। यह हिमालय की तलहटी से होते हुए दक्षिण दिशा में तेजी से बहती है और उत्तराखंड से निकलकर, भारत-गंगा के मैदान में, उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्य के बीच की सीमा के साथ पश्चिम में बहती है। पूर्वी और पश्चिमी नहरों को भी यमुना के जल से सींचा जाता है।

⇨  यमुना नदी की लम्बाई लगभग 1376 K.M. है 

⇨ यमुना नदी में यमुनोत्री में एक गर्म पानी का कुंड भी है। इस कुंड को सूर्य कुंड के नाम से भी जाना जाता है। सूर्य कुंड के पानी का तापमान लगभग 88 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।


यमुना नदी


5. नर्मदा नदी 

                नर्मदा नदी की उत्पत्ति मैकल पर्वत के अमरकंटक शिखर से हुई है। इसकी लंबाई लगभग 1312 किलोमीटर है जो इसे भारत की पांचवी सबसे लंबी नदी के रूप में प्रस्तुत करती है। नर्मदा नदी को रेवा के नाम से भी जाना जाता है। 

                   मध्य प्रदेश राज्य में इसके विशाल योगदान के कारण इसे "मध्य प्रदेश की जीवन रेखा" भी कहा जाता है। यह अपने उद्गम से पश्चिम की ओर चल कर खंभात की खाड़ी, अरब सागर में जा गिरती है। नर्मदा, मध्य भारत के मध्य प्रदेश और गुजरात राज्य में बहने वाली एक प्रमुख नदी है।  

                 नर्मदा नदी अन्य नदियों की तुलना में कुछ अलग है और अपनी पवित्रता को बनाए हुए है। नर्मदा की तेजधारा पहाड़ी चट्टानों पर और भेड़ाघाट में संगमरमर की चट्टानों के ऊपर से उछलती हुई बहती है।

⇨ नर्मदा नदी की लम्बाई लगभग 1312 K.M. है 

⇨ नर्मदा नदी नदियों की दिशा के विपरीत यह नदी उल्टी दिशा में बहती है  यह नदी पश्चिम की तरफ जाकर खम्बात की खाड़ी में गिरती है। इस नदी के किनारे बसा शहर जबलपुर उल्लेखनीय है। जबलपुर के निकट भेड़ाघाट का नर्मदा जलप्रपात काफ़ी प्रसिद्ध है।


नर्मदा नदी






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